कॉलेजियम प्रणाली को लेकर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री कई बार खुले मंच से कॉलेजियम की आलोचना कर चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को जमकर सुनाया। बता दें कि अगस्त 2021 में रिटायर होने से पहले जस्टिस नरीमन खुद कॉलेजियम का हिस्सा थे। शुक्रवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नरीमन ने कानून मंत्री को याद दिलाया कि अदालत के फैसले को स्वीकार करना उनका ‘कर्तव्य’ है, चाहे वह ‘सही हो या गलत’।
पूर्व न्यायाधीश नरीमन ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू के ‘‘आक्षेप’’ के लिए उनकी निंदा की और कहा कि कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों के नामों पर फैसला नहीं लेना लोकतंत्र के लिए ‘‘घातक’’ है। नरीमन ने कहा कि अगर स्वतंत्र न्यायपालिका का आखिरी स्तंभ गिर जाता है, तो देश रसातल में चला जायेगा और ‘‘एक नए अंधकार युग’’ की शुरुआत होगी। उन्होंने शुक्रवार को मुंबई विश्वविद्यालय में सातवें मुख्य न्यायाधीश एम सी छागला स्मृति व्याख्यान में कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता क्या है जब स्वतंत्र और निडर न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं की जा रही है।