भा० कृ० अनु० परिषद -विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के उत्तरकाशी जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल उद्यान विभाग द्वारा व शील बायोटेक के सौजन्य से एवं प्राकृतिक खेती के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक भ्रमण व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें 60 से अधिक किसानो ने भाग लिया |
कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए प्रथम सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र उत्तरकाशी के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ चित्रांगद सिंह राघव ने सभी को जैविक खेती व प्राकृतिक खेती के फायदे एवं उसके महत्व को विस्तार में बताया | उन्होंने बताया की जैविक खेती व प्राकृतिक खेती बदलती जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। उन्होंने बताया की इस वर्ष को एफ ए ओ द्वारा अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष घोषित किया गया है, अतः हम सभी को मोटे अनाजों के उत्पादन एवं इनके प्रयोग के लिए सभी को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. पंकज नौटियाल ने कार्यक्रम में आए सभी किसानों को जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती के उद्देश्यों व उनसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया | इसके साथ ही उन्होंने प्रक्षेत्र भ्रमण में सभी किसानों को वर्षा आधारित जल संचयन टैंक, प्राकृतिक खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, सेब,आड़ू व नेक्टरीन की वैज्ञानिक खेती, पॉलीहाउस में राई के बीज उत्पादन को विस्तार से बताया । कृषकों ने प्राकृतिक खेती आधारित विभिन्न सब्जियों की खेती, पालीहाउस, के साथ साथ विभिन्न यंत्र एवं मशीनरियों के बारे में जाना | कार्यक्रम में शील बायोटेक जनपद टिहरी के परियोजना अधिकारी बृजेश सिंह ने परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ मनीषा, नीरज जोशी, डॉ मोहित चौधरी के अलावा शील बायोटेक के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सोनिका गुसांई, विक्की चौहान एवं क्षेत्र के प्रगतिशील किसान सरदार सिंह शीशपाल सिंह दीवान दास, अतुल सिंह, शैलेन्द्र सिंह ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए |