जोशीमठ (Joshimath) में दरारग्रस्त भवनों (Cracks in houses) की संख्या अब स्थिर हो गई। 21 जनवरी से जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र में नया दरारग्रस्त भवन चिह्नित नहीं हुआ है। दूसरी तरफ, जेपी कालोनी के जलस्रोत से रिसाव भी घटकर 170 लीटर प्रति मिनट रह गया है।
शनिवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में आपदा प्रभावित क्षेत्र में दरारग्रस्त भवनों की संख्या 863 और खतरनाक श्रेणी के भवनों की संख्या 181 है। एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से इस संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि 233 प्रभावित परिवारों को 3.50 करोड़ रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए जा चुके हैं।
जबकि 105 किराएदारों को 52.50 लाख रुपये दिए गए हैं। डा.सिन्हा ने बताया कि जल रिसाव में भी धीरे धीरे कमी आ रही है। जेपी कालोनी के जलस्रोत का रिवास इस वक्त 170 एलपीएम है। जबकि छह जनवरी को 540 एलपीएम तक था। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र की वैज्ञानिक रिपेार्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। उसके बाद आगे कार्यवाही शुरू की जाएगी।